सीएम नीतीश की वाराणसी में होने वाले रैली के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
ये रैली ऐसे समय में होने वाली थी जब नीतीश कुमार के अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा गाहे-बगाहे हो जाती है. फूलपुर सीट का जिक्र होता है. हालांकि, अभी तक कोई पिक्चर साफ नहीं हुई है लेकिन सियासी अटकलों का बाजार गरमाया हुआ है. जेडीयू के समर्थक/नेता कई मौकों पर नीतीश कुमार को पीएम पद का चेहरा बता चुके हैं, हालांकि नीतीश कुमार इसे सिरे से नकारते रहे हैं.उधर, नीतीश कुमार की रैली पर बुधवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने प्रतिक्रिया दी थी. सुशील मोदी ने नीतीश कुमार को 'फ्यूज्ड बल्ब' कहकर संबोधित किया था और साथ ही उन्हें पीएम मोदी के विरुद्ध वाराणसी से चुनाव लड़ने की चुनौती दे दी. सुशील मोदी ने बोला, ''नीतीश कुमार फ्यूज्ड बल्ब हैं जो टिमटिमा सकता है लेकिन कभी जलता नहीं. वह मध्य प्रदेश में अपने उम्मीदवारों को जीत नहीं दिला पाए. उनका असर उनके राज्यों तक ही सीमित है. वह अखिलेश यादव के कारण रैली कर रहे हैं. हिम्मत है तो पीएम मोदी के विरुद्ध लड़ें.''उधर, आरजेडी नेता मनोज झा ने नीतीश कुमार की वाराणसी में प्रस्तावित रैली को लेकर बोला कि इसमें क्या गलत है. झा ने बोला, ''क्या वह गुनाह कर रहे हैं? क्या पीएम मोदी वाराणसी के मालिक हैं? जन प्रतिनिधि तो जन प्रतिनिधि होता है. इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि अगली बार वह चुना ही जाएगा.''