मंदिर मस्जिद के नाम पर देश का चुनाव नहीं होना चाहिए.
चुनाव के लिए सबसे बड़ी चीज है ईवीएम. इसमें सर्वसम्मति से वीवीपैट की मांग करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितने बाकी मुद्दे हैं.ममता बनर्जी ने विपक्ष के चेहरे और कन्वीनर के तौर पर मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे किया. अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन किया. इनके अलावा और किन लोगों ने समर्थन किया है? इस पर मनोज झा ने बोला कि सबसे बड़ी बात है कि इन दोनों के प्रस्ताव पर मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या बोला? सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे. उन्होंने अपनी जीवन गाथा बताई है. अपना संघर्ष बताया है. लोगों की तरह रोते नहीं हैं कि चाय बेचते थे जिसका कोई गवाह नहीं है, लेकिन उनकी जिंदगी के कई गवाह हैं. मल्लिकार्जुन खरगे ने बोला कि पहले हम चुनाव लड़ेंगे तब प्रधानमंत्री का निर्णय करेंगे.इस प्रश्न पर कि बीजेपी इंडिया गठबंधन के चेहरे को लेकर घेर रही है. इस पर मनोज झा ने बोला कि चेहरे की बात जब बीजेपी करती है तो मुझे लगता है कि लोकतंत्र को समाप्त करने के लिए कुछ भी कर सकती है. एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बोला कि बैठक में लालू यादव ने बोला, "मिलकर रहो. काफी देर हो गई. सीट शेयरिंग करिए. एक-दूसरे के विरुद्ध बयानबाजी मत करें."बोला जा रहा है कि महात्मा गांधी से जुड़े दिन 30 जनवरी को पटना के गांधी मैदान में रैली होगी. इस पर मनोज झा ने बोला कि महात्मा गांधी के दिन से जुड़ी यह रैली नहीं है बल्कि आरएसएस से भी जुड़ी हुई है. आरएसएस की तरफ इशारा करते हुए बोला कि गांधी की कत्ल जिसने की थी उसका किस संगठन से संबंध था? हम रैली करेंगे और बोलेंगे कि देखिए आज गांधी के हत्यारे सत्ता शिखर पर कहां तक पहुंच गए. हालांकि उन्होंने बोला कि रैली की जिक्र हो रही है एक-दो दिन में साफ हो जाएगी.इस प्रश्न पर कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने बैठक में क्या बोला? इस पर मनोज झा ने बताया कि राहुल गांधी ने समन्वय की बात की. बोला कि मिलकर लड़ेंगे.