बिहार का विकास जो होना चाहिए उस पर कभी केंद्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया है.
सुधाकर सिंह ने बोला कि बिहार में सामाजिक सर्वे हुआ जिसमें 70% लोग 60 रुपये से नीचे की आमदनी वाले हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया. अहमदाबाद से मुंबई के लिए बुलेट ट्रेन चलाने का कार्य किया जा रहा है जिसमें डेढ़ लाख करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. लंबे वक्त से कोसी डैम की मांग की जा रही है जिसमें करीब 1 लाख करोड़ खर्च होंगे पर आज तक इस पर कभी जिक्र नहीं की गई है इसलिए इस बैठक से हम विशेष उम्मीद नहीं कर रहे हैं.बैठक में बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर प्रश्न उठेगा या नहीं इस पर सुधाकर सिंह ने बोला, "बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसकी मांग 2002 से तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने की थी और आज 21 वर्ष से यह मांग लगातार केंद्र सरकार से उठ रही है. अगर कोई कानून विशेष राज्य के दर्जे में बाधा बन रहा है तो विशेष मदद में तो कोई परेशानी नहीं है, उसको तो दिया जा सकता है. अगर बिहार को विशेष मददौौ मिलती है तो बिहार में एजुकेशन सिस्टम, शहरीकरण सिस्टम, कोसी परियोजना अस्पताल जैसी मूलभूत सुविधा पर कार्य किया जा सकता है. केंद्र सरकार बिहार और पूर्वोत्तर राज्यों पर कभी ध्यान नहीं देने वाली है."छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत पर सुधाकर सिंह ने बोला कि यह अलग बात है कि तीनों जगह पर बीजेपी की जीत हुई है लेकिन कांग्रेस के जनाधार में कमी नहीं आई है. वोट प्रतिशत में ज्यादा कमी नहीं हुई है. हार जीत कोई मायने नहीं रखता है, जनाधार अभी भी कायम है.
वहीं रेवंत रेड्डी द्वारा दिए गए वर्णन को लेकर सुधाकर सिंह ने बोला कि निश्चित तौर पर उन्होंने राज्य का नाम लेकर डीएनए की बात की है. यह गलत बात है, लेकिन उन्होंने जाति का नाम नहीं लिया है. यह गलत अफवाह फैलाई जा रही है.