रोहित कुमार सोनू
मिथिला हिन्दी न्यूज :- राम जी के बाल स्वरूप की फोटो काफी तेजी से वायरल हो रही है। बाल स्वरूप में प्रभु श्री राम की मूर्ति गर्भ गृह में विराजमान हो चुकी है। प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया भी जारी है।
प्रभु का बाल स्वरूप अति मनमोहक और निराला है। चेहरे पर तेज, हाथ में धनुष बाण लिए बाल रूप में रामलला सब का मन मोह रहे हैं। बड़ी अनोखी तरह से प्रभु की मूर्ति की कारीगरी की गयी है। इसलिए आइए जानते हैं प्रभु श्री राम के बाल स्वरूप मूर्ति से जुड़ी 10 दिलचस्प बातें-
क्यों खास है रामलला की मूर्ति?
1- प्रभु श्री राम के मस्तक के पास सूर्य, स्वस्तिक,ॐ, गदा, और चक्र तराशे गए हैं।
2- रामलला की मूर्ति में भगवान विष्णु सहित उनके 10 अवतार मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि के दर्शन भी मिलेंगे।
3- श्यामल रंग के श्याम शीला पत्थर से मूर्ति बनाई गयी है। मूर्ति का निर्माण एक ही पत्थर से किया गया है, जिसका मतलब है कि इसमें अन्य पत्थर नहीं जोड़े गए हैं।
4- प्रभु की यह मूर्ति जलरोधी है। इसका मतलब है की मूर्ति को जल से नुकसान नहीं पहुंच पाएगा।
5- रोली और चंदन लगाने से भी रामलला की मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी।
6- मूर्ति के निचले सतह पर एक ओर हनुमान जी और दूसरी ओर गरुड़ देव के दर्शन भी मिलेंगे।
7- श्यामल रंग से बनी रामलला की प्रतिमा की आयु हजारों वर्ष लंबी मानी जा रही है क्योंकि श्याम शीला पत्थर सालों साल तक अच्छी अवस्था में रहता है।
8- कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा प्रभु श्री राम के बाल स्वरूप की मूर्ति बनाई गई है।
9- प्रतिमा 4.24 फीट ऊंची बनायी गयी है। रामलला की मूर्ति 3 फीट चौड़ी है, जिसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है।
10- रामलला की मूर्ति में पांच वर्षीय बच्चे की मनमोहक झलक दिख रही है, बाएं हाथ में धनुष-बाण और दाएं हाथ को आशीर्वाद देने की मुद्रा में दिखाया गया है।