जीतन राम मांझी ने बोला कि नीतीश कुमार पहले एनडीए का हिस्सा थे. फिर बहाना बनाकर महागठबंधन में आ गए तो तेजस्वी यादव पर चार्ज शीट होने पर उन्हें स्थिति स्पष्ट करने के लिए बोला और नहीं हुआ तो फिर वे एनडीए के साथ आ गए. आज भी वही स्थिति है. तेजस्वी यादव सहित उनके परिवार पर चार्जशीट की बातें सामने आई हैं.
हम (HAM) नेता ने बोला कि उधर लालू प्रसाद यादव का दबाव है और आरजेडी के लोगों का भी है कि नीतीश कुमार तेजस्वी को सत्ता सौंपेंगे, लेकिन नीतीश कुमार किसी भी परिस्थिति में अपना सीएम पद छोड़ने वाले नहीं हैं. तब एक विकल्प है कि 14 जनवरी के बाद या तो वह पलटी मारेंगे और एनडीए में जाना चाहेंगे, लेकिन वहां का दरवाजा बंद है,
ऐसे में स्वतंत्र रूप से लोकसभा चुनाव लड़ने की बात बोलेंगे और विधानसभा भंग कर सकते हैं.
जीतन राम मांझी ने बोला कि नीतीश कुमार को लग रहा है कि लोकसभा के चुनाव में अच्छी खासी सीट जीत जाएंगे. विधानसभा में भी अच्छी सीटें आएंगी और वे कार्यकारी सीएम के रूप में भी बने रहेंगे. राष्ट्रपति शासन भी नहीं लग सकता है. शायद ऐसा सोच कर वह विधानसभा भंग कर सकते हैं. विधानसभा भंग करेंगे तो अभी 18 महीने का वक्त है. विधानसभा का नियम होता है कि 6 महीने का समय रहता है तभी राष्ट्रपति शासन लगता है.राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के नहीं जाने पर उन्होंने बोला कि कांग्रेस वालों ने ही अयोध्या में ताला खुलवाया था. राजीव गांधी ने खुलवाया था कि वहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो और मंदिर बनाने में यह बात सही है की बीजेपी की अहम भूमिका रही. मैं समझता हूं कि रामलला का मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा ही नहीं है, ये अयोध्या धाम में पर्यटन की नजर से बहुत बड़ा माहौल बन रहा है. उस दिन अमेरिका में भी लाइव प्रसारण होगा. यह राज्य और राष्ट्र के लिए जरूरी प्रोग्राम है. इसमें सिर्फ धार्मिक बात नहीं है आर्थिक नजर से भी बहुत लोगों को रोजगार मिलेगा. ऐसे कार्यों में सबको सहायता करनी चाहिए.