धार्मिक तुष्टिकरण व मुस्लिम परस्ती के लिए किस हद तक गिरोगे?
"तेजस्वी यादव 3 जनवरी को मधुबनी पहुंचे थे. मधुबनी के झंझारपुर में पूर्व सांसद प्रो. रामदेव भंडारी की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए वो पहुंचे थे. उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए बोला था, "मन में और दिल में श्रद्धा होनी चाहिए. नीयत साफ होनी चाहिए. गलत कार्य करते रहेंगे, पाप करते रहेंगे और राम-राम जपते रहेंगे तो राम आप पर कृपा नहीं करेंगे. अच्छा कार्य करिएगा तो भगवान का आशीर्वाद आपके साथ रहेगा. पैर कट जाएगा तो मंदिर जाकर पंडित को दिखाइएगा कि अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाइएगा?"बता दें कि निखिल आनंद से पहले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने भी अस्पताल और मंदिर के महत्व को समझाते हुए तेजस्वी के वर्णन पर जवाब दे चुके हैं. नित्यानंद राय ने बोला है कि जो लोग कहते हैं कि जब कोई बीमार पड़ेगा तो मंदिर जाएगा कि अस्पताल जाएगा. उनको पता नहीं है कि अस्पताल की आवश्यकता होगी तो अस्पताल में जाएगा और आवश्यकता होगी तो मंदिर में जाएगा. मंदिर और अस्पताल दोनों महत्वपूर्ण है.