इसी क्रम में बालक के आचरण में सुधार के लिए यह कदम उठाया गया है.
इसके तहत उसे जहानाबाद जिले में तीन महीने तक ट्रैफिक सेवा करने के लिए बोला गया है. निर्देश सुनाने के बाद प्रधान दंडाधिकारी ने स्थानीय पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि उक्त विधि विरुद्ध बालक को ट्रैफिक के संबंध में उचित ट्रेनिंग देकर ट्रैफिक का काम कराना सुनिश्चित करें. इसके अलावा यह भी बोला गया है कि बालक के कार्य की प्रत्येक महीने की मौजूदगी विवरणी एवं उसके द्वारा किए गए काम की पूर्ण विवरणी हर महीने की आखिरी तारीख को जिला किशोर न्याय परिषद को उपलब्ध कराएं.सामुदायिक सेवा के क्रम में वरुण कुमार गौतम, विधि सह परिवीक्षा पदाधिकारी, जिला किशोर न्याय परिषद, जहानाबाद की तरफ से निरीक्षण भी किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उक्त बालक सही तरीके से सामुदायिक सेवा प्रदान कर रहा है. इधर जिला किशोर न्याय परिषद जहानाबाद के निर्णय पर अधिवक्ता मुकेश कुमार गौतम ने बताया कि सामुदायिक सेवा कराने के निर्देश पीछे कोर्ट का यह मकसद रहा होगा कि आरोपित किशोर को सजा भी मिल जाए और आगे चलकर सामाजिक दायित्व की समझ भी हो सके.