इस प्रथा पर तुरंत रोक लगाने की आवश्यकता है.
"शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बोला कि इसके बाद भी, यदि कोई शिक्षक इस तरह की प्रथा में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी और (ऐसी) गलती करने वाले निजी कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी. विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर ऐसे शिक्षकों का ब्योरा मुख्यालय को उपलब्ध कराने के लिए बोला है.शिक्षा विभाग द्वारा संकलित एक नवीनतम रिपोर्ट के अनुकूल, राज्य में पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थानों की कुल संख्या 12,761 है और उनमें नामांकित छात्रों की संख्या 9,95,533 है. पटना में अधिकतम संख्या 1017 (151104 छात्रों के साथ नामांकित) है. इसके बाद बेगूसराय में 636 (60311 छात्र), गया में 623 (44975 छात्र), पूर्वी चंपारण में 604 (90936 छात्र), पूर्णिया में 598 (9585 छात्र), समस्तीपुर में 581 (21101) पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थान हैं. जिस जिले में पंजीकृत कोचिंग संस्थानों की संख्या सबसे कम है वह जहानाबाद है जहां 40 (छात्र: 6115) पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थान है.खत में बोला गया है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समित (बीएसईबी) के निर्धारित प्रोग्राम के अनुसार राज्य भर में कक्षा 10 और कक्षा 12 दोनों के लिए प्रैक्टिकल और थ्योरी परीक्षा आगामी 10 जनवरी से प्रारंभ होगी, इसलिए संबंधित अधिकारियों को राय दी जाती है कि वे अपने उन स्कूलों में सभी शिक्षकों की मौजूदगी सुनिश्चित करें जहां वे तैनात हैं.