उन्होंने बोला कि संयोजक का कार्य बैठकों की जानकारी देना और आंकड़े जुटाना भर होता है.
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने बोला कि नीतीश कुमार यदि संयोजक बन ही गए तो क्या वे पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और माकपा के बीच समझौता करा सकते हैं? क्या वे दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस और केजरीवाल के बीच की दूरी पाट सकते हैं? उन्होंने बोला कि उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और कांग्रेस को साझा प्रत्याशी के लिए सहमत करना और केरल में कांग्रेस और वाममोर्चा के बीच तालमेल बनाना क्या नीतीश कुमार के संयोजक बनने से मुमकिन हो जाएगा?
आगे सुशील कुमार मोदी ने बोला कि 2 राज्यों में सरकार चलाने वाली केजरीवाल की पार्टी और 200 विधायकों की पार्टी टीएमसी से 44 विधायकों वाले जेडीयू के नेता नीतीश कुमार का क्या मुकाबला है? क्षेत्रीय दल के किसी नेता को दूसरी क्षेत्रीय पार्टी या राष्ट्रीय पार्टी नहीं स्वीकार करेगी.