नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यदि सभी आस्थाओं का सम्मान करते हैं,
कभी चादरपोशी करते हैं और कभी गुरुद्वारा में मत्था टेकते जाते हैं, तो उन्हें अयोध्या धाम की यात्रा करने में क्या संकोच होना चाहिए?अपने बयान में बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आगे बोला कि लालू परिवार के लोग जिस सहजता से मथुरा, वृंदावन और तिरुपति बालाजी के मंदिर जाते हैं, उसी प्रकार उन्हें अयोध्या धाम भी जाना चाहिए. उन्होंने बोला कि श्रीराम तो सबके हैं. शबरी, केवट, वाल्मीकि के राम से आरजेडी-जेडीयू और इंडिया गठबंधन के लोगों का दूरी बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है.सुशील मोदी ने बोला कि श्रीराम का गुरुकुल (बक्सर) और ससुराल (मिथिलांचल) होने से बिहार और अयोध्या के बीच जो पौराणिक संबंध है, उसे सियासत नहीं तोड़ सकती. हम अयोध्या के उत्सव में स्वयं को सदैव सम्मिलित अनुभव करते रहेंगे. 500 वर्ष के संघर्ष के बाद जब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पालन करते हुए अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थल पर श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है, तब सनातन धर्म में आस्था रखने वाले हर व्यक्ति को दर्शन-पूजन के लिए वहां जाना चाहिए.बता दें कि इससे पहले बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी नसीहत देते हुए बोला है कि अयोध्या जाकर लालू प्रसाद यादव और सीएम नीतीश कुमार को दर्शन करना चाहिए. अब सुशील कुमार मोदी ने भी बड़ी बात बोली है. अब प्रश्न है कि क्या लालू-नीतीश अयोध्या जाएंगे?