वो लोग एक भी कार्य नहीं कर रहा था.
आज तक उन्होंने यह तय नहीं किया है कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके बाद हमने तो छोड़ दिया. छोड़कर जिनके साथ पहले थे उनके साथ आ गए हैं. हम अब सब दिन इधर ही रहेंगे. हम बिहार के विकास के कार्य में लगे रहते हैं. सबके हित में लगे रहेंगे.गौरतलब हो कि सीएम नीतीश कुमार ने ही इंडिया गठबंधन में कई दलों को साथ लाया था. पटना में विपक्षी एकत्व की पहली बैठक हुई थी. इसके बाद बेंगलुरु और मुंबई में भी बैठक हुई. दिल्ली में भी बैठक हुई. नीतीश कुमार ने कई बार यह बोला था कि उनकी कोई व्यक्तिगत इच्छा नहीं है लेकिन ऐसा माना जा रहा था कि वह चाहते थे कि उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार बनाया जाए लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मल्लिकार्जुन खरगे का नाम ले लिया जिसके बाद धीरे-धीरे परिवर्तन की स्थिति दिखने लगी थी.