बिहार में इस दिनों सबसे बड़ा प्रश्न यही है कि सीएम नीतीश कुमार का अगला कदम क्या होगा. नीतीश कुमार रहेंगे या जाएंगे, ये प्रश्न हर किसी की जुबान पर है. नीतीश कुमार मंगलवार को अचनाक राज्यपाल से मिलने आ गए. वो लगभग 40 मिनट तक वहां रुके, जब बाहर निकले तो मीडिया से फिर उन्होंने दूरी बनाई. सीएम नीतीश अक्सर मीडिया के प्रश्नों को सुनते हैं और अपनी प्रतिक्रिया देते हैं. लेकिन बीते कुछ दिनों में कई ऐसे मौके आए जब वो मीडिया से दूर रहे. इस बीच जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने सीएम नीतीश कुमार को लेकर बड़ा संकेत दिया. उन्होंने बोला कि सीएम नीतीश भारतीय सियासत के बड़े दो तीन लोगों में से एक हैं. उनके कहने का, उनके जाने का, उनके रहने का और उनके कहीं सम्पर्क करने का एक राजनीतक अर्थ होता है.एबीपी न्यूज़ से बातचीत में केसी त्यागी ने कांग्रेस को लेकर 'नाराजगी' जताई. उन्होंने बोला कि कांग्रेस को जिस प्रकार से नेतृत्व लेनी चाहिए थी उसमें ढील हुई है.
क्या नीतीश कुमार गठबंधन में रहेंगे या जाएंगे,
इस प्रश्न पर उन्होंने बोला कि मुंबई की बैठक के 4 महीने बाद बैठक (इंडिया गठबंधन) होती है. जिस तरह की व्यग्रता विपक्षी गठबंधन को करना चाहिए था उसमें ढील रही है. जब नीतीश कुमार यह फिक्र जाहिर करते हैं तो यह सही है.उधर विपक्षी खेमा बिहार में बड़े सियासी परिवर्तन का दावा कर रहा है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का सोशल मीडिया पोस्ट जिक्र में आ गया. उन्होंने एक्स पर लिखा, "बंगला में बोलते हैं, “खेला होबे” मगही में बोलते हैं, “खेला होकतो” भोजपुरी में बोलते हैं, “खेला होखी” बाकी तो आप खुद ही समझदार हैं…"बिहार में फिलहाल महाठबंधन की सरकार है. इसमें सीएम नीतीश की पार्टी जेडीयू, लालू यादव की पार्टी आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के दल सम्मिलित हैं. ये सभी दल राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन का भी भाग हैं. अभी तक सीट शेयरिंग फाइनल नहीं हो पाई है.