इस पर राज्यपाल ने कुलपतियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.
उन्होंने बोला कि शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों एवं राजभवन के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करना चाहिए.बता दें कि जब से केके पाठक ने शिक्षा विभाग की कमान संभाली है तब से ही अलग-अलग निर्णय को लेकर चर्चा है. पिछले वर्ष (2023) दिसंबर में राज्यपाल से एमएलसी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला था. शिक्षा विभाग के विरुद्ध शिकायत की थी. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था.बिहार राजभवन ने दिसंबर में ही राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र भेजा था. हाल के दिनों में शिक्षा विभाग द्वारा पारित असंवैधानिक और निरंकुश निर्देशों के विरुद्ध तत्काल सुधारात्मक उपाय करने के लिए बोला था. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू की तरफ से लिखे गए उक्त पत्र के अनुसार राजेंद्र आर्लेकर ने विचार व्यक्त किया था कि विभाग इस तरह के निर्देश पारित करके राज्य में शैक्षणिक माहौल को नष्ट करने पर तुला है.