इस बैठक में सबसे मुख्य बात यह रही कि आलोक मेहता के साथ खुद केके पाठक दिखे.
इससे पहले शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और केके पाठक की पिक्चर शायद ही दिखी हो.बैठक के बाद शिक्षा मंत्री ने बोला कि हम लोग आगे कैसे कार्य करेंगे, शिक्षा में कैसे सुधार हो, जो शिक्षक चयनित होकर आए हैं वह कैसे ठीक ढंग से कार्य करें, इन सभी बिंदुओं को लेकर बैठक की गई है. आलोक मेहता ने केके पाठक की प्रशंसा करते हुए बिहार के लोगों को बोला, "बतौर शिक्षा मंत्री मैं बिहार के छात्र-छात्राओं को और उनके अभिभावकों को बोलना चाहूंगा कि शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य है बच्चों को शिक्षा देना, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण उत्कृष्ट शिक्षा से सुसज्जित करना ताकि वह अपना भविष्य संवार सकें."आलोक मेहता ने बताया कि इस काम में कुछ कड़े कदम उठाए गए, कुछ बात है जो वह मानते हैं कि दवा की तरह है, जो कुछ देर के लिए कड़वी लगती है लेकिन बीमारी ठीक कर देती है. उसको सकारात्मक रूप में ले और बिहार के लोग बहुत हद तक इस बात को समझ रहे हैं. पहले की व्यवस्था और अभी की व्यवस्था में कितना बदलाव है. आज बच्चे स्कूल आ रहे हैं. अभिभावक भी संतुष्ट हैं.