ऐसे कृत्यों के पीछे इन लोगों की नीयत वोट बैंक की सियासत करने पर केन्द्रित है.
तुष्टिकरण की सियासत के चक्कर में सनातन धर्म को लेकर दिए जा रहे अनाप-शनाप बयान निराश करने वाले हैं और इससे मां भारती का हर संतान आहत है."सिन्हा ने बोला कि हमारा देश महान सांस्कृतिक विरासतों का वाहक है. हमारे देश के पवित्र ग्रंथ हमेशा से पूज्यनीय रहे हैं. यही नहीं महान तपस्वियों, संत-योगियों की धरती भारत की वैदिक, आयुर्वेदिक उपलब्धियों से पूरा विश्व प्रेरणा लेता है. ऐसे में ज्ञान विहीन हो रहे आरजेडी के नेताओं को यह पता होना चाहिए कि उनके द्वारा किए जा रहे सनातन धर्म के संतों और ग्रंथों के अपमान से उनके खुद के व्यक्तित्व का पतन हो रहा है. व्यक्तित्व निर्माण के लिए संतों और ग्रंथों का सम्मान अनिवार्य है.सिन्हा ने बोला "देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 22 जनवरी को भगवान राम लला के मंदिर और उनकी मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा प्रोग्राम के अग्रदूत बनकर 21वीं सदी के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का शंखनाद करने जा रहे हैं. सिन्हा ने बोला कि सनातन का हर संतान इस स्वर्णिम और पवित्र क्षणों का स्वागत करने को तैयार है और देश में एक साथ जय श्री राम के नारों से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह चरम पर होगा."सिन्हा ने बोला कि अवसरवादी, तुष्टिकरण और भ्रष्टाचार की नीयत से सियासत करने वाले आतंरिक विकारों से ग्रसित हो जाते हैं. ऐसे स्थिति में ही वो महान सनातन धर्म और संस्किति का अपमान करने से नहीं चुकते. आरजेडी और इंडिया गठबंधन के लोगों को अपनी मानसिकता और मनोदशा दोनों बदलने की आवश्यकता है.