लालू और नीतीश पर अश्विनी चौबे ने आक्रमण करते हुए बोला कि यह लोग कब दही-चूड़ा खाएंगे कब एक-दूसरे को गाली देंगे कोई ठीक नहीं, इन लोगों का तो इतिहास रहा है.
अश्विनी चौबे से पूछने पर कि नीतीश की कौन सी ऐसी मजबूरी है कि लालू का आशीर्वाद जरूरी है?
इस पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए बोला कि वह तो उन्हीं के बल पर सरकार चला रहे हैं, इसलिए आशीर्वाद लेना चाहते हैं. लालू भी जानते हैं कि उनके (नीतीश) पेट में विषैला दांत है.
वहीं राम मंदिर को लेकर अश्विनी चौबे ने बोला कि प्रधानमंत्री ने अनुष्ठान लिया है. वह श्रीराम के बड़े भक्त हैं. जो भी संकल्प लेते हैं उसको सिद्धि तक पहुंचाने का कार्य करते हैं. रामलला की मूर्ति पुनः अपने भव्य और दिव्य मंदिर में स्थापित हो जाए इसका उन्होंने संकल्प लिया था. वह पूरा भी होगा. इसलिए उन्होंने जो भी अनुष्ठान किया है, वह निर्विघ्न बिना विघ्न के जरूर वह पूरा होगा. ऐसा मुझे पूरा विश्वास है.राहुल गांधी की तरफ से मंदिर को राजनीतिक मुद्दा बताने पर अश्विनी चौबे ने बोला कि यह पूरे देश और दुनिया का प्रोग्राम है. जिनको राम प्यारा है तो यह राम भक्तों का प्रोग्राम है, जिनको रोम प्यारा होगा वह रोम का प्रोग्राम समझेंगे. ऐसे लोग जनता की आंखों में धूल झोंकना चाहते हैं. जनता सब कुछ देख रही है. जो राम भक्त है वह रामलला को विराजमान होते हुए और प्रधानमंत्री को आरती उतारते हुए देखने की प्रतीक्षा में है.