सीएम स्टेज पर मुझसे पूछा करते थे कि बिहार में 2005 से पहले क्या था?
मैंने कभी उस पर प्रतिक्रिया नहीं दी. अब हमारे साथ कई लोग हैं. जो काम हमने दो दशकों से किया है, हमने कम समय में किया है चाहे वह नौकरी हो, जातिगत जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना हो, इत्यादि. बिहार में अभी खेल होना बाकी है.''मौजूदा राजनीतिक जोड़-तोड़ के बीच आरजेडी ने शनिवार को बैठक बुलाई जिसमें सभी विधायक उपस्थित रहे. सूत्र बताते हैं कि आरजेडी खुद नीतीश सरकार से समर्थन वापस ले सकती है और समर्थन वापसी की चिट्ठी राजभवन भेज सकती है. हालांकि आरजेडी अभी भी नीतीश कुमार के अगले कदम का इंतजार कर रही है.ऐसी खबर थी कि शुक्रवार को आरजेडी ने हम के नेता जीतन राम मांझी से संपर्क साधा था और उन्हें सीएम बनाने का ऑफर दिया था लेकिन पार्टी के प्रवक्ता ने बोला था कि अगर आरजेडी प्रधानमंत्री बनाने का भी ऑफर देगी तो उसके साथ नहीं जाएंगे. दूसरी ओर बीजेपी में भी खलबली तेज है. एलजेपी रामविलास के नेता चिराग पासवान ने बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की है.