बिहार की राजनीति में सबकुछ सामान्य नहीं चल रहा है, यह एक बार फिर प्रमाणित हो गया है। शुक्रवार को जब राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इस ठंड में अपने बेटे और राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे तो लग ही रहा था कि कुछ-न-कुछ होगा। तेजस्वी यादव ने कुछ बड़ी बात नहीं होने और सबकुछ सामान्य होने की बात कही। लेकिन, इस बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी सीएम तक अपनी बात पहुंचा चुके थे। शनिवार को यह खिचड़ी अंतत: पककर सामने आयी। शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर समेत तीन मंत्रियों का विभाग बदल दिया गया है।मंत्रिमंडल विस्तार की प्रतीक्षा अब भी खत्म नहीं हुई। पिछले दिनों खेल विभाग अलग किया गया, तब भी एकबारगी उम्मीद जगी थी। लेकिन, फिर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग से कटकर बने खेल विभाग का मंत्री भी पुराने विभागीय जिम्मेदार के पास ही रख दिया गया। अब शनिवार की रात अचानक तीन मंत्रियों के विभाग बदलने की अधिसूचना जारी हुई। मुख्यमंत्री की सहमति और राज्यपाल के आदेश से जारी अधिसूचना के अनुसार शिक्षा विभाग के मंत्री प्रो. चंद्रशेखर की जगह अब आलोक कुमार मेहता होंगे। रामचरितमानस विवाद के बावजूद अपने पद पर कायम रहे प्रो. चंद्रशेखर को अपने विभागीय अपर मुख्य सचिव केके पाठक से टकराना अंतत: महंगा पड़ा। चंद्रशेखर को गन्ना उद्योग विभाग दिया गया है। मतलब, मुख्य धारा से अलग कर दिए गए हैं चंद्रशेखर। आलोक मेहता के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की जिम्मेदारी ललित कुमार यादव को दी गई है। ललित यादव के पास लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की जिम्मेदारी पहले से है।