जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कांग्रेस और जन सुराज के 'गठजोड़' पर एक बड़ा वर्णन सामने आया है. उन्होंने बयानों के माध्यम अपनी मंशा साफ कर दी है कि पहले और आज की कांग्रेस पार्टी में काफी अंतर है. उन्होंने दोनों के गठजोड़ को महज अफवाह बताया. पीके ने अपने पूर्व के बयान को स्पष्ट करते हुए यह बोला है. प्रशांत किशोर के कांग्रेस से जुड़ने की अटकलें थीं जिसे उन्होंने अब स्पष्ट कर दिया है. दरभंगा वे पत्रकारों से बात कर रहे थे.प्रशांत किशोर ने अपने अभियान को लेकर बोला कि जन सुराज एक विचारधारा है. हम गांधी को लेकर चल रहे हैं, और हर दिन अपने भाषणों में भी बोल रहे हैं कि यह जो जन सुराज है ये आजादी से पहले जो कांग्रेस की व्यवस्था थी (आज की कांग्रेस नहीं) उस व्यवस्था को पुनर्जीवित करने का प्रयत्न है.पीके ने यह भी बोला कि जहां दल जो है वह किसी व्यक्ति विशेष का न हो, किसी जाति का न हो, किसी परिवार का न हो,
आजादी से पहले जो कांग्रेस थी वह किसी परिवार की पार्टी नहीं थी.
वह किसी जाति विशेष की पार्टी नहीं थी. वह उन सबका दल था जो देश को आजाद करना चाहते थे. जन सुराज उस सोच से प्रेरित है और विचारधारा के आधार पर निश्चित तौर पर अगर आप महात्मा गांधी को लेकर चलते हैं तो मैंने यह बोला कि कांग्रेस जिस विचारधारा को रिप्रेजेंट करने का दावा करती है मेरी विचारधारा वही है. वह कर पा रहे हैं की नहीं उनका मामला है. हम कांग्रेस में नहीं है.बता दें कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पदयात्रा कर रहे हैं. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनकी इस यात्रा पर भी राजनीतिक पार्टियों की नजर है. प्रशांत किशोर निरंतर लोगों के बीच जाकर मिल रहे हैं. गलत-सही का फर्क बता रहे हैं. उनके अभियान से लोग निरंतर जुड़ भी रहे हैं.