बिहार में संभावित सियासी परिवर्तन के बीच पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी (Sushil Modi) का बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने बोला कि सियासत में कोई दरवाजा स्थायी रूप से बंद नहीं होता है. हालांकि उन्होंने अपने डिप्टी सीएम बनने की अटकलों को खारिज करते हुए बोला है कि ''कुछ भी बनने का प्रश्न पैदा नहीं होता, क्योंकि मैं तो राज्यसभा में हूं.''सुशील मोदी ने मीडिया से बातचीत में बोला, ''राजनीति में कोई दरवाजा परमानेंट बंद नहीं होता है. वक्त आने पर सारी जानकरी मिलेगी. क्या परिस्थिति बनती है, भाजपा क्या फैसला लेती है. जरूरत अनुसार दरवाजा खुलता रहता है और बंद होता रहता है. हमें थोड़ा इंतजार करना चाहिए. मेरे कुछ भी बनने का प्रश्न नहीं होता है, मैं तो राज्यसभा में हूं. वक्त बताएगा कि क्या स्थिति बनती है. उसपर पूरी निगाह हमारे केंद्रीय नेतृत्व पर है. केंद्रीय नेतृत्व जो भी फैसला लेगी बिहार बीजेपी उसके साथ रहेगी.'' दरअसल, सुबह से ही ऐसी खबरें तैर रही हैं कि नीतीश कुमार अगर बीजेपी के साथ गए तो वह सीएम होंगे और सुशील मोदी को एकबार फिर डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है. उधर, अटकलों के बीच जेडीयू की ओर से यही बयान आ रहा है कि इंडिया गठबंधन इकट्ठा है.
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बोला कि उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन के साथ है.
लेकिन गठबंधन और सीट बंटवारे पर कांग्रेस को आत्ममंथन करने की आवश्यकता है. उधर, आरजेडी की ओर से भी यह दावा किया गया है कि शाम तक कन्फ्युजन दूर हो जाएगा. आरजेडी के सांसद मनोज झा ने बोला कि खुद नीतीश कुमार शाम तक सबकुछ साफ कर देंगे लेकिन दोनों ही पार्टियां जितने भी दावे कर रही हों लेकिन जिस तरह की गतिविधि देखने को मिल रही है वह महागठबंधन में टूट की ओर इशारा कर रही है. दरअसल, राजभवन में राज्यपाल द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित हाईटी से तेजस्वी यादव ने दूरी बना ली है.