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सियासी भोज एक, अटकलें अनेक, राबड़ी देवी आवास पर बैक गेट से आए CM नीतीश, BJP कही- 'अब तो...'


संवाद 


मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर बिहार में राजनीतिक दलों के यहां आयोजित होने वाले दही-चूड़ा भोज के अपने मायने भी हैं. सियासी भोज का प्रचलन काफी पहले से चला रहा है. खासकर राबड़ी आवास पर होने वाले इस भोज पर सबकी नजरें टिकी होती हैं. कुछ न कुछ खलबली अवश्य दिखती है. सोमवार (15 जनवरी) को भी कुछ ऐसा ही हुआ. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) राबड़ी आवास पर भोज खाने पहुंचे लेकिन मेन गेट से ना जाकर पिछले दरवाजे से गए, जिसको लेकर राजनीति हो रही है. इस पर ताना भी कसे जा रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बोला कि अब तो नीतीश कुमार को ही तय करना है कि उनको किस गेट से आना जाना है. बीजेपी दफ्तर में भी मकर संक्रांति के अवसर पर दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया गया था. इस भोज में सुशील कुमार मोदी, रामकृपाल यादव सहित बिहार बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे.

बीजेपी प्रदेश दफ्तर में मकर संक्रांति पर पूरा आयोजन राम मय दिखा.

 मकर संक्रांति के इस आयोजन में संगीत का भी प्रोग्राम रखा गया था. अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भक्तिमय का रंग बीजेपी के प्रदेश दफ्तर में दिख रहा था. चूड़ा-दही के भोज में लोगों ने भक्ति का भी आनंद लिया. बता दें कि नीतीश कुमार राबड़ी आवास आए तो तेजस्वी यादव ने हाथ जोड़कर गेट पर उनका स्वागत किया. निकलते वक्त मीडिया को बिना बयान दिए ही नीतीश कुमार चले गए. कारण जो भी हो लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों की हर मुलाकात अहम मानी जा रही है. हालांकि राबड़ी आवास में नीतीश दस मिनट ही रुके. खासकर बिहार में महागठबंधन के नेताओं में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी तक कुछ भी साफ नहीं हुआ है. देखने वाली बात होगी कि कैसे और कितना जल्दी सब कुछ तय होता है. सियासी भोज के पीछे अटकलों का बाजार भी गर्म है. हालांकि तेजस्वी ने सोमवार को एक बार फिर बोला कि नीतीश कुमार अप्रसन्न नहीं हैं. जब से महागठबंधन बना है तब से बीजेपी घबराई हुई है. 

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