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बिहार कांग्रेस के नेताओं की CM से क्या हुईं बातें? शकील अहमद खान के बयान से बहुत कुछ आया सामने


संवाद 


इंडिया गठबंधन की वर्चुअल मीटिंग में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने संयोजक बनने से मना कर दिया था. अब ऐसा लग रहा है कि बिहार कांग्रेस के नेता नीतीश कुमार को मनाने में जुट गए हैं. बुधवार (17 जनवरी) की शाम बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह (Akhilesh Prasad Singh) और कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान (Shakeel Ahmed Khan) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर भेंट की. लगभग आधे घंटे तक बातचीत हुई है.जिस प्रकार से लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों का पेंच महागठबंधन के बीच फंसा है वैसी स्थिति में यह मुलाकात अहम मानी जा रही है. हालांकि मुलाकात के क्रम में किन मुद्दों पर बात हुई है इसके बारे में खुद शकील अहमद खान ने पत्रकारों को बताया. बोला कि कोई खास बात नहीं हुई है. वह हमारे मुख्यमंत्री हैं तो हम लोग मिलते रहते हैं.   
शकील अहमद खान ने बोला कि नीतीश कुमार गठबंधन के बहुत ही दमदार शानदार नेता हैं. 

गठबंधन को यहां तक पहुंचाने में उन्होंने अपनी बेहतरीन भूमिका निभाई है. 

कांग्रेस अपने वैचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी से लड़ रही है. इस प्रकार से इंडिया गठबंधन में जितने लोग भी सम्मिलित हैं वैचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जो स्थापित हो रहा है या किया जा रहा है उसके विरुद्ध हैं. इसके विरुद्ध एक गठबंधन बना जिसमें नीतीश कुमार की अहम भूमिका है.कांग्रेस नेता ने बोला कि नीतीश कुमार गार्जियन भी हैं. यही सब बातें हुईं हैं. उन्होंने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए बोला कि उनका जो रोल रहा है बिहार के विकास में, इंडिया गठबंधन को बनाने में और मजबूती प्रदान करने में वह बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए हम लोग जाते हैं और मिलते हैं.
वहीं सीट शेयरिंग को लेकर शकील अहमद खान ने लालू प्रसाद यादव के बयान पर सुर में सुर मिलाया. गोल-मोल जवाब देते हुए बोला कि मुझे भी लगता है जब गठबंधन में लोग रहते हैं तो सीट शेयरिंग वक्त चिंतित रहते हैं. हर दल सीटों को लेकर चिंतित रहता और यह लाजमी भी है. सीपीआईएमएल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोला है कि तीन सीटें चाहिए. हम लोग भी गाहे बगाहे अपनी सीटों के बारे में बोलते रहते हैं.शकील अहमद खान ने बीजेपी और एनडीए पर निशाना साधा. उन्होंने केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के बयान इंडिया गठबंधन में असली खेल 22 जनवरी के बाद होगा का जवाब देते हुए बोला. "अब हम देखते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के जितने भी सहयोगी दल हैं वह सब वैज्ञानिक सोच को दरकिनार कर चुके हैं. वहां सब लोग ज्योतिष विद्या पढ़कर आए हुए हैं. कल ऐसा हो जाएगा... परसों यह होगा, यह सब फिजूल की बातें हैं."

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