डीएम के आदेश पर सदर सीओ इंद्रासन साह ने जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में अपील की.
सुनवाई दौरान जिला दंडाधिकारी ने अपर समाहर्ता के निर्देश पर पाबंदी लगा दी है. डीएम ने सदर अंचल अधिकारी और सदर भूमि सुधार उप समाहर्ता को 19 दिसंबर 2022 की तिथि के पूर्व के अनुरूप तालाब का स्वरूप बहाल करने का निर्देश दिया. दरअसल, विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के नीम पोखर स्थिति सरकारी करीब 36 डिसमिल तालाब को भू-माफिया ने रातोंरात भरकर समतल बना दिया था. अपर समाहर्ता ने भी उस जमाबंदी को वैध मानकर तालाब मालिक बना दिया था. जमीन पर कब्जा करने के लिए एक झोपड़ी बना दी गई. इतना ही नहीं बल्कि बांस-बल्ला से चहारदीवारी की तरह घेरा भी गया. बता दें कि बिहार में बालू और शराब माफिया की तरह भू-माफिया भी अवैध तरीके से इस प्रकार के कार्य में लगे हैं. अब दरभंगा से सामने आए इस मामले में डीएम ने सदर सीओ और एडीएम को तालाब की उड़ाही करवाने के साथ चहारदीवारी और झोपड़ी हटाने का भी निर्देश जारी कर दिया है.