उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार को कोई भी नहीं चाहता.
नीतीश का बिहार में जनाधार समाप्त हो चुका है.बिहार के सीएम नीतीश कुमार हिंदी बेल्ट का मजबूत फेस माने जाते हैं. उनकी पहचान ओबीसी चेहरों के तौर पर सर्वमान्य है. गठबंधन के गणित में धुरंधर माने जाते हैं. पहले बीजेपी और बाद में आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया. नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का सूत्रधार भी माना जाता है. उन्होंने विपक्षी दलों को एक साथ मंच पर लाकर अपना लोहा मनवाया. इसके साथ ही अपने राजनीतिक सफर में नीतीश कुमार का दाम बेदाग है. बता दें कि हाल ही में दिल्ली में जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी. इस बैठक में नीतीश कुमार ने कांग्रेस को निशाने पर ले लिया था. इसके बाद ही नीतीश कुमार को इंडिया का संयोजक बनाने की अटकलें तेज हो गईं. कांग्रेस नहीं चाहती है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार कोई ऐसा निर्णय ले लें जिससे नुकसान हो. ऐसे में सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नीतीश कुमार को मनाने में भी जुट गई है. हालांकि, दिलचस्प ये भी है कि नीतीश कुमार कई मौकों पर किसी भी पद की इच्छा से मना कर चुके हैं.