बिहार में जेडीयू के एकबार फिर महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के संकेत मिल रहे हैं. ऐसे में जेडीयू नेता और बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर (Devesh Chandra Thakur) बोला कि इस निर्णय से बीजेपी को ही फायदा होगा. देवेश चंद्र ने बोला कि सीएम नीतीश कुमार के साथ आने से बीजेपी को ही फायदा होगा क्योंकि नीतीश जी बीते 20 सालों से बिहार का चेहरा हैं. बिहार के लोग नीतीश के हाथों में ही रहना चाहते हैं. अगर एनडीए की सरकार बिहार में सत्ता में आई तो क्या देवेश चंद्र ठाकुर ही सीतामढ़ी से जेडीयू के उम्मीदवार रहेंगे? इस पर देवेश चंद्र ने कहा, ''मैं ही रहूंगा और मैं ही लड़ूंगा. सीतामढ़ी सीट जेडीयू के पास ही रहेगी. महागठबंधन के साथ रहते तो 2 लाख से जीतते और अब 5 लाख से जीतेंगे.'' दरअसल, इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले ही नीतीश कुमार ने देवेश ठाकुर को सीतामढ़ी से लोकसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. इस सीट से पिछली बार सुनील कुमार पिंटू को टिकट दिया गया था लेकिन दिल्ली में जब जेडीयू की बैठक हुई थी तब सुनील कुमार का टिकट काट दिया गया.
देवेश ठाकुर दावा कर रहे हैं कि वह ही इस सीट से चुनाव लड़ेंगे.
इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले ही नीतीश कुमार ने देवेश ठाकुर को सीतामढ़ी से लोकसभा का उम्मीदवार घोषित कर दिया था. दरअसल, देवेश ठाकुर ने बोला था कि महागठबंधन से किसी और को सीतामढ़ी से टिकट नहीं दिया जाना चाहिए और कोई यहां से जीतेगा भी नहीं. अगर कोई और जीत गया तो वह सियासत से सन्यास ले लेंगे. बता दें कि नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में ही महागठबंधन का रुख किया था और आठवीं बार सीएम पद की शपथ ली थी लेकिन डेढ़ वर्ष होते-होते लगता है उनका महागठबंधन से मोह-भंग हो गया और अब वह एनडीए से एकबार फिर जुड़ने की कगार पर हैं. इसकी औपचारिक घोषणा का इंतजार है.