आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों का 5 लाख तक का मुफ्त उपचार हो रहा है.
तारकिशोर प्रसाद ने बोला कि तेजस्वी यादव खुद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री हैं और यहां सरकारी अस्पतालों की क्या हालत है उस पर हमें कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं है. बीजेपी राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राजनीति नहीं कर रही है. यह तो धर्म आस्था का विषय है. तेजस्वी-लालू कब से गरीबों के हितैषी हो गए? रेल मंत्री रहते लालू तो नौकरी देने के बदले गरीबों की जमीन हड़प रहे थे.तेजस्वी के बयान का समर्थन करते हुए जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने बोला कि बीजेपी के राजनैतिक कृपा से राम मंदिर नहीं बना, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश से बना है. बीजेपी क्यों क्रेडिट ले रही है? तेजस्वी की भाषा को मत देखिए. उनके भाव को समझिए. तेजस्वी ने अपनी भावना व्यक्त की है. तेजस्वी को धार्मिक आस्था में विश्वास है, लेकिन धार्मिक आस्था में सिर्फ विश्वास रखने से जन सरोकार से जुड़े विषयों का समाधान नहीं होता. यही तेजस्वी बोलना चाह रहे हैं. तेजस्वी तो खुद बोले कि मुंडन कराकर लौटा हूं. मेरे यहां छठ होता है. तेजस्वी ने जो भी बोला है उससे हम लोग पूरी तरह सहमत हैं.बता दें कि बीते बुधवार को तेजस्वी यादव मधुबनी गए थे. वहां एक प्रोग्राम में आए लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने बोला था कि भूख लगेगी तो मंदिर जाओगे? खाना मिलेगा? वहां उल्टा दान मांग लेंगे. पैर कट जाएगा तो मंदिर जाकर पंडित को दिखाइएगा कि अस्पताल जाकर डॉक्टर को दिखाइएगा?