दिल्ली (Delhi) में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की अगुवाई में 29 दिसंबर को जेडीयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई. बैठक में अहम निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जेडीयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. उसी बैठक में नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सीतामढ़ी सीट से देवेश चंद्र ठाकुर को प्रत्याशी बनाने का एलान कर दिया. अब जेडीयू और आरजेडी (RJD) दोनों में इसका विरोध होने लगा है. जेडीयू के वर्तमान एमएलसी और पूर्व विधायक सहित आरजेडी के भी कई नेता इसका विरोध करने लगे हैं. देवेश चंद्र ठाकुर के लिए शुक्रवार (5 जनवरी) को पटना के होटल में विशेष बैठक की गई. इसमें जदयू के बिहार विधान परिषद के सदस्य रामेश्वर महतो ने बोला कि ऐसा नहीं होगा की जिसके नाम की घोषणा हो जाए, हम उसे कैंडिडेट मान लें.उन्होंने बोला कि, देवेश चंद ठाकुर ने ही बोला था कि कुछ कौवे लोग पटना में बैठकर बैठक करते हैं. उनको माफी मांगनी चाहिए.
उन्होंने बोला कि पूरी तरीके से जब तक पार्टी किसी को घोषित किसी को उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी,
हम उसको उम्मीदवार नहीं मानेंगे. वहीं आरजेडी की एक पूर्व महिला विधायक ने भी बोला कि यह नहीं हो सकता. जब तक पार्टी पूरी तरीके से घोषित नहीं करेगी, हम किसी को उम्मीदवार नहीं मान सकते. अब प्रश्न सीधा है कि जिस तरीके से शुक्रवार को बैठक हुई बैठक हुई, उसमें एक स्पष्ट संदेश चला गया है कि इन लोगों ने मिलकर अपने ही सर्वमान्य नीतीश कुमार के हक को सीधे चुनौती दे दी है. प्रश्न ये भी है कि इस बैठक का प्रभाव क्या होगा. साथ ही क्या आने वाले दिनों में इन लोगों के विरुद्ध पार्टी कोई बड़ी कार्रवाई कर सकती है.