जेडीयू और बीजेपी दोनों पार्टियों के बीच क्या-क्या फार्मूला होगा?
यह भी फाइनल हो चुका है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन में आयोजित एक चाय प्रोग्राम से लौटने के बाद शुक्रवार शाम अपने आवास पर अपने भरोसेमंद मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक की. सीएम आवास पर विजय कुमार चौधरी, ललन सिंह, अशोक चौधरी, बिजेंद्र गुप्ता और संजय झा जैसे नीतीश कुमार के भरोसेमंद नेता उपस्थित थे. वहीं, मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने आवास पर जेडीयू के सभी विधायकों के साथ भी बैठक बुलाई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जल्द ही बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ आ सकते हैं. शुक्रवार को इसके संकेत बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी दे दिए. सुशील मोदी ने दिल्ली से पटना लौटने के बाद नीतीश के एनडीए में आने के संकेत देते हुए बोला कि सियासत में कोई दरवाजा स्थायी बंद नहीं होता, जरुरत से खुलता है और बंद होता है. सुशील कुमार मोदी ने बोला कि बिहार में जो राजनीतिक परिस्थिति पैदा हो रही है, उस पर प्रदेश बीजेपी की निगाह बनी हुई है. केंद्रीय नेतृत्व कोई निर्णय लेता है, प्रदेश की ऐसे फैसले में कोई भूमिका नहीं होती.