बयान जारी करते हुए जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर आक्रमण करते हुए बोला कि कुछ दिन पहले कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक हुई उसमें उनकी पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह नहीं गए किसी दूसरे आदमी को उन्होंने भेजा. ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार कल बीजेपी में जा रहे हैं.
ये नीतीश कुमार की सियासत का तरीका है
जो उनके साथ रहता है उनको हमेशा डराते रहते हैं कि अगर हम पर ध्यान नहीं दोगे तो हम उधर भी जा सकते हैं.प्रशांत किशोर ने बोला कि नीतीश कुमार कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और बोलेंगे कि मेरी अंतरात्मा बोल रही है कि अब इन लोगों के साथ नहीं रहेंगे. सब लोग इकट्ठा हुए नहीं, मैंने बोला था कि सब लोग इकट्ठा हो जाइए नहीं हुआ तो अब क्या करें? अब फिर से बीजेपी में जा रहे हैं. नीतीश कुमार इस तरह की सियासत करते रहते हैं. मैं हर दिन बताता हूं कि मुझे नहीं लगता कि वो लोकसभा से पहले छोड़कर जाएंगे. लोकसभा तक वह रहेंगे.पीके ने बोला कि वो क्यों महागठबंधन बनाए हैं पहले ये समझिए. नीतीश कुमार महागठबंधन बनाए अगस्त में उससे पहले मार्च में दिल्ली आकर मेरे साथ घंटों बैठे थे. पटना में भी मिले थे, वो सिर्फ इसलिए आरजेडी के साथ गए, क्योंकि उनके दिमाग में ये बात आ गई थी कि 2024 के लोकसभा के चुनाव के बाद अगर भारतीय जनता पार्टी देश में जीत जाएगी तो हमको हटाकर अपना मुख्यमंत्री बना देंगे. जेडीयू के 42 विधायक थे और बीजेपी का 75, तो इसी डर से इन्होंने सोचा कि बीजेपी हमको हटाए इससे पहले हम खुद महागठबंधन बना लेते हैं कम से कम 2025 तक कुर्सी बची रहेगी. नीतीश कुमार की अपनी जो सहूलियत होगी जिसमें उन्हें अपना स्वार्थ दिखेगा उस दिशा में वो जाएंगे.