इस प्रश्न पर कि आने वाले चुनाव में क्या इस पर किसी को लाभ मिलेगा?
इस पर रामनाथ ठाकुर ने बोला कि चुनावी लाभ किसको मिलेगा या नहीं मिलेगा मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. आगे रामनाथ ठाकुर ने बोला कि असहाय, पीड़ित लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए मेरे पिता ने संघर्ष किया, इसलिए उनको जननायक बोला जाता है. जनता को तय करना है कि लोकसभा चुनाव में लाभ किसको मिलेगा. मेरे पिता की जयंती सब दल मनाते हैं. मेरे पिता की नीति, सिद्धांतों पर सभी दलों को भरोसा है. उनके दिखाए रास्ते पर सब चल रहे हैं.आगे बोला कि जिन मूल्यों के लिए कर्पूरी ठाकुर आगे बढ़ रहे थे उन मूल्यों की पूर्ति भारत रत्न देकर मोदी सरकार ने अच्छा काम है. मेरे पिता ने बिहार में मैट्रिक तक पढ़ाई मुफ्त की दी. राज्य के सभी विभागों में हिंदी में कार्य करने को अनिवार्य बना दिया. बहुत कार्य ऐसे किए जिनको हमेशा याद रखा जाएगा.बता दें पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का निधन 1988 में हो गया था, लेकिन इतने वर्ष बाद भी वो बिहार के पिछड़े और अतिपिछड़े मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं. वह अति पिछड़े वर्ग से थे. लोकसभा चुनाव से पहले भारत रत्न देने का फैसला इसे पीएम मोदी के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है.