कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम अक्सर अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं और वह पार्टी लाइन से हटकर अपनी बात रखते हैं. इसी बीच कांग्रेस नेता ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की है.
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "मंदिर का जो निर्माण हुआ है वो अदालत के फैसले से हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण शुरु हुआ और कल उसकी प्राण प्रतिष्ठा है. अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री ना होते तो ये फैसला ना हो पाता और यह मंदिर नहीं बन पाता. मैं राम मंदिर के निर्माण और इसके प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं."
वहीं विपक्षी नेताओं द्वारा रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर भी कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा "यह दुर्भाग्यपूर्ण है, कोई ईसाई या पुजारी या मुस्लिम भी भगवान राम के निमंत्रण को अस्वीकार नहीं कर सकता, राम भारत की आत्मा हैं. राम के बिना, भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती.
निमंत्रण अस्वीकार करने का मतलब भारत की सभ्यता और संस्कृति का अपमान करना है. इसका मतलब भारत के गौरव और अस्तित्व को चुनौती देना है. मैं सभी विपक्षी दलों से आग्रह करना चाहता हूं, बीजेपी से लड़ें लेकिन राम से नहीं. बीजेपी से लड़ें लेकिन सनातन से नहीं, बीजेपी से लड़ो लेकिन भारत से नहीं."
इससे पहले कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस पार्टी द्वारा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के न्योते को ठुकराने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी. इसे लेकर उन्होंने कहा था कि पार्टी को अपने फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए. कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था- "मंदिर तो राम का है और राम भारत के हैं. राम के बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. राम मंदिर के कार्यक्रम को अस्वीकार करना उचित नहीं था, इस पर एक बार फिर पुनर्विचार करना चाहिए."
हाल ही में आचार्य प्रमोद कृष्णम अयोध्या पहुंचे थे और वह मीडिया से बात करते हुए राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर भावुक हो गए थे. इस दौरान उन्होंने कहा था कि न जाने कितनी आखें ये सपना देखने के लिए बंद हो गई हैं, आज को भारत में रामराज्य के स्थापना की तारीख है.
बता दें कि अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को निमंत्रण भेजा गया था. हालांकि कांग्रेस पार्टी द्वारा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को ठुकरा दिया था.