बिहार के मौजूदा सियासी स्थिति को देखते हुए महागठबंधन का टूटना तय माना जा रहा है. इसका बस ऐलान होना बाकी है. वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव या आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से अभी समर्थन वापस लेने की न तो बता बोली जा रही है और न ही सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं. क्योंकि इस बार लालू यादव नीतीश कुमार को यह बोलने का अवसर नहीं देना चाहते कि हमारे साथ खेला किया गया है.
बल्कि आरजेडी इंतजार कर रही है कि कब नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार बनाते हैं,
जब वो सदन में बहुत साबित करेंगे तो उन्हें फ्लोर पर ही फेल कर दिया जाएगा. ऐसा लग रहा है मानों आरजेडी फिलहाल इसी रणनीति पर कार्य कर रही है.नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के पास अभी 45 विधायक हैं. वहीं बीजेपी के पास 76 और हम के पास 4 विधायक है. सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों की आवश्यकता है. ऐसे में नीतीश कुमार बीजेपी और हम के साथ मिलते है तो उनके पास 125 विधायक हो जाएंगे जो सरकार बनाने के लिए काफी है.