एजाज अहमद ने बोला कि 2 महीने में 2 लाख 17 हजार नव नियुक्त शिक्षकों की बिहार में नियुक्ति हुई है. बिहार सरकार रोजगार दे रही है. युवाओं के इससे मतलब है. मोदी सरकार ने हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था जो पूरा नहीं हुआ. राम मंदिर धर्म आस्था से जुड़ा मुद्दा है उस पर समझौता नहीं किया जा सकता, लेकिन राजनीतिक व्यक्ति को धार्मिक कार्य इस प्रकार नहीं करना चाहिए जैसे प्रधानमंत्री राम मंदिर में कर रहे हैं. वह राजनीतिक हित साध रहे हैं.
एजाज अहमद ने आगे बोला कि धार्मिक कार्य धार्मिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को करना चाहिए.
धर्म आस्था को बीजेपी राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिश लोकसभा चुनाव को लेकर कर रही है, लेकिन बीजेपी को बड़ा नुकसान होगा. युवाओं को रोजगार चाहिए. युवा पीएम मोदी से पूछ रहा है कि 10 वर्ष में 20 करोड़ रोजगार क्यों नहीं मिला? केंद्र सरकार ने युवाओं के हित के लिए कोई कार्य नहीं किया. राम के नाम पर बीजेपी कब तक राजनीति करती रहेगी? राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम में जो लोग गए या जो देश में माहौल है वह लोगों की अपनी आस्था की वजह है न की बीजेपी के बोलने पर लोग कर रहे हैं.उधर जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव राजीव रंजन ने बोला कि अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने के लिए बीजेपी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा प्रोग्राम को राजनीतिक तौर पर भुनाने की कोशिश कर रही है. करोड़ों हिंदुओं की आस्था भगवान राम में है, लेकिन यदि बीजेपी सोच रही है कि इसको वोट में तब्दील कर लेगी तो इससे हास्यास्पद और क्या होगा? यह मुमकिन नहीं. वैसे भगवान राम सबके हैं. मोदी सरकार अब सत्ता में नहीं आएगी. रोजगार दे नहीं पाई. 15 लाख हर लोगों के बैंक खाते में नहीं आए. महंगाई चरम पर है. बता दें पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने बोला कि बिहार सरकार ने राम का तिरस्कार किया है. जनता माफ नहीं करेगी. लोकसभा चुनाव में सबक सिखाएगी. नीतीश-तेजस्वी ने विशेष समुदाय को खुश करने के लिए, उनका वोट लेने के लिए बिहार में आज छुट्टी घोषित नहीं की.