प्रोग्राम को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने बोला कि आज हिंदूवाद से सावधान रहने की आवश्यकता है.
फतेह बहादुर सिंह ने सावित्री बाई फुले की बात दोहराई थी न कि अपनी कोई बात बोली थी. उन्होंने बोला था कि मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी का रास्ता होता है, स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता दिखाता है. फतेह बहादुर की जीभ और गले की कीमत घोषित करने वाले यह जान लें कि अब एकलव्य की तरह आहुति देंगे नहीं, लेंगे.शिक्षा मंत्री ने बोला कि आपको चोट लगेगी तो आप मंदिर जाओगे या अस्पताल? ठीक उसी प्रकार अगर आपको ज्ञान अर्जित करना है, पढ़ लिखकर बड़ा अधिकारी या होशियार बनना है तो विद्यालय जाना होगा. मंदिर जाने से कार्य नहीं चलेगा. शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने मंदिर को शोषण का स्थल बताया. बोला कि जब हम में, तुम में, हर जगह राम ही व्याप्त हैं तो खोजने के लिए कहां जाएंगे? जो स्थलें निर्धारित की गई हैं निश्चित तौर पर वो शोषण का स्थल है. चंद समाज के कुछ षड्यंत्रकारियों की जेब भरने के लिए यह स्थान है.