अदालत ने आठ आरोपियों की याचिका पर सीबीआई से जवाब दाखिल करने को बोला था.
पिछले वर्ष 3 अक्टूबर को कोर्ट ने इस मामले में लालू प्रसाद, बेटे और पत्नी को जमानत दे दी थी.अदालत ने 22 सितंबर 2023 को लालू प्रसाद और उनके बेटे और पत्नी सहित अन्य के विरुद्ध सीबीआई द्वारा एक नए आरोप पत्र पर संज्ञान लिया. चूंकि जांच एजेंसी ने जमानत का विरोध नहीं किया, इसलिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने जमानत दे दी. ईडी ने पहले बोला था कि उसने मामले में उनके विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत लालू प्रसाद के परिवार-उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती और संबंधित कंपनियों की 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है. सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू प्रसाद और उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया था. सीबीआई के एक अधिकारी ने पहले बोला था, '2004-2009 की अवधि के दौरान लालू प्रसाद यादव (तत्कालीन रेल मंत्री) ने रेलवे के विभिन्न जोन में समूह 'डी' पदों पर प्रतिस्थापन की नियुक्ति के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर भूमि संपत्ति के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था'पटना के कई निवासियों ने स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों के जरिए अपनी जमीन लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और उनके तथा उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी को बेच दी या उपहार में दे दी. इल्जाम है कि जोनल रेलवे में स्थानापन्नों की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक जानकारी जारी नहीं की गई थी, फिर भी नियुक्त व्यक्ति, जो पटना के निवासी थे, को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था.