हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के नतीजों में BJP के प्रत्याशी हर्ष महाजन विजयी घोषित हुए हैं. अब यहां भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश में अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है.
भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य में सरकार अपना समर्थन खो चुकी है और उसे विश्वास हासिल करना होगा. हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा की इकलौती सीट के लिए शिमला विधानसभा में मतदान हुआ था. इसमें कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की हार हो गई है. जीत के ऐलान के बाद से भाजपा खेमे में जश्न का माहौल है.
इससे पहले कहा गया था कि यदि कांग्रेस उम्मीदवार हारता है तो यह तय है कि 9-10 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. ऐसे में अगर बीजेपी उम्मीदवार जीता तो पार्टी कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी.
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पास 40 सीटें हैं. पार्टी का दावा था कि उसे 3 अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला. वे तीनों विधायक कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में शामिल हुए थे. हालांकि नतीजों से साफ हो गया है कि अब हिमाचल प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है.
अभिषेक मनु सिंघवी और हर्ष महाजन के बीच हुई जंग
हिमाचल में कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी का मुकाबला भाजपा के हर्ष महाजन से हुआ था. वह चंबा से आते हैं. उनके पिता विधानसभा के स्पीकर भी रहे हैं. वह खुद वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे थे.
भाजपा सूत्रों ने कहा है कि आगे की तैयारी भी है और अब कांग्रेस सरकार को भी जाना होगा. अभिषेक मनु सिंघवी की हार के बड़े मायने हैं. इससे सरकार का भविष्य तय हो गया है.
कांग्रेस का भरोसा टूटा, सीएम ने किया था दावा- हमारे सभी 40 विधायक पार्टी के साथ
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि हमारे 40 विधायक हैं, अगर कोई बिका नहीं होगा तो निश्चित तौर पर हमें पूरे 40 वोट मिलेंगे. मेरा मानना है कि कांग्रेस की विचारधारा पर जो लोग चुन कर आए हैं उन्होंने पार्टी के समर्थन में वोट डाला होगा. लेकिन अब परिणाम के बाद से कांग्रेस में मायूसी दिखाई दे रही है.
कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि पार्टी इस घटनाक्रम के बाद से आगे की तैयारी में जुट गई है और सरकार बचाने की मुहिम शुरू कर दी गई है.