बलरामपुर कटिहार-राजवंशी सूरजापुरी भाषा सेवा परिषद विश्व मातृभाषा दिवस पालन की चर्चा करते हुए जगन्नाथ दास ने अवगत कराते हुए कहा कि सभी मानवों को अपनी मातृभाषा का आदर एवं सम्मान करना चाहिए अपनी माता ,मातृभूमि एवं मातृभाषा स्वर्ग से भी वढ़कर श्रेष्ठ है यदपि भाषा, विभाषा उपभाषा बोली एवं उपबोली में भेद है तथा इस भेद को मिटाकर अपनी यूएनओ ने अपनी इन्हें भाषा का दर्जा दिया है अपने-अपने भाषा का सम्मान करना चाहिए। राकेश कुमार ने कहा मां की गोद में सीखी हुई भाषा ही मातृभाषा है मां और मातृभाषा का अटुट संबंध है मनुष्य अपनी मातृभाषा में ही सोचते समझते विचार आदि का विनियम करते हैं शिशु अवस्था में बच्चा अपनी मातृभाषा सीखता है तथा बाल्यावस्था में अन्य भाषाओं को सीखने का सरल और सहज सोपान उसके लिए उनकी मातृभाषा ही है अतः इसका महत्वपूर्ण स्थान है ।इस मौके पर काशीनाथ कुमार, कन्हैया दास ,मनोज पोद्दार, नाजिर आलम ,ओमप्रकाश सिंह रोनी कुमार दास, मुकेश कुमार सिंह राजवंशी,अजय सिंह बोसन ,जन्मेज कुमार दास ,रोहित कुमार सिंह, बासु सिंह ,बसन्त कुमार दास, राजेश शर्मा, परिमल दास,भादु सिंह अनुज कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।