जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया था.
पूछताछ प्रारंभ हुई तो मैनेजर की भूमिका संदिग्ध लगी. हालांकि वह जख्मी पेट्रोल पंप व्यवसायी के इर्द-गिर्द ही उपस्थित रहता था. घरेलू तौर पर भी नजदीकियां थीं. मैनेजर घटना के बाद भी साथ में था ताकि उस पर संदेह न हो. संदेह के आधार पर जब पूछताछ हुई तो उसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया.एसपी ने बताया कि मैनेजर ने स्वीकार किया है कि 35 से 40 लाख रुपये की पेट्रोल पंप पर हेराफेरी हुई थी. देवदत्त उपाध्याय पैसे की डिमांड कर रहे थे. उसी को हड़पने के लिए उसने यह साजिश रची थी. घटना में इस्तेमाल की गई पिस्टल जब्त की गई है. इस कांड में सम्मिलित दो बदमाश अभी फरार हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए निरंतर छापेमारी जारी है.भवेश कुमार उर्फ तनु चौबे सोहनीपट्टी का रहने वाला है. दूसरा बदमाश जतिन चौधरी और तीसरा ऋषभ शेखर ईटाढ़ी के रहने वाले हैं. गोली लगने के बाद जख्मी पेट्रोल पंप व्यवसायी का उपचार बनारस में चल रहा है.