अब इसे कुदरत का करिश्मा कहें, या फिर विज्ञान. लेकिन बेगूसराय जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसे डॉक्टर भी चमत्कार बता रहे हैं. जिले की बुजुर्ग महिला, जिसकी मौत लगभग 15 घंटे पहले हो चुकी थी. वह अपने अंतिम संस्कार के कुछ देर पहले जिंदा हो गई और अब महिला का इलाज चल रहा है.
बेगूसराय: कहते हैं कि ईश्वर की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है. सबका जन्म और मृत्यु पहले से तय है. इसका एक जीता जागता उदाहरण बेगूसराय से सामने आया है. बेगूसराय जिले में एक बुजुर्ग महिला अपने मौत के लगभग 15 घंटे बाद वापस जिंदा हो गई. कुदरत के इस करिश्मा को देख डॉक्टर्स भी हैरान हैं, और इसे चमत्कार बता रहे हैं.
मौत के बाद चलने लगी बुजुर्ग की सांसे: बताया जाता है कि जिले की एक 72 साल की मृत बुजुर्ग महिला अपने अंतिम संस्कार से कुछ देर पहले जीवित हो गई. जिसके बाद परिजनों ने तुरंत ही महिला को सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है. डॉक्टर का कहना है कि महिला की स्थिति पहले से बेहतर है, हो सकता है इलाज के बाद महिला पूरी तरह से ठीक हो जाए.
*बुजुर्ग महिला के वापस जिंदा होने से परिजनों में खुशी*
छत्तिसगढ़ में हुई थी बुजुर्ग महिला की मौत: परिजनों ने बताया कि बुजुर्ग अपने बेटे के पास छत्तीसगढ़ के कोलवा में थी, जहां उसकी तबीयत बिगड़ गई. जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो चुकी थी. परिजन स्कॉर्पियो से महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए बिहार ला रहे थे, बिहार पहुंचने के क्रम में ही अचानक महिला के शरीर में कुछ हलचल दिखाई दी. जिसके बाद तुरंत उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
*महिला की स्थिति पहले से बेहतर:* फिलहाल महिला को इलाज के लिए वेंटीलेटर पर रखा गया है. महिला की पहचान बेगूसराय के नीमा चांदपुरा की रहने वाली रामवती देवी के रूप में हुई है. जानकारी के अनुसार महिला अपने पुत्र मुरारी साव और घनश्याम साव के साथ छत्तीसगढ़ के कोलवा जिले में रह रही थी.
*डॉक्टर की देखरेख में चल रहा महिला का इलाज*
डॉक्टरों ने भी माना इसे चमत्कार: इस घटना से आम लोग ही नहीं बल्कि डॉक्टर भी अचंभित हैं. सभी इसे चमत्कार मान रहे हैं. फिलहाल महिला का इलाज बेगूसराय सदर अस्पताल में डॉक्टरों की देख रेख में चल रहा है. जहां महिला धीरे-धीरे स्वस्थ्य हो रही है. ईश्वर के इस करिश्मा से परिवार के लोगों मे खुशी लौट आई है. वहीं इस अजीबोगरीब घटना की चर्चा हर तरफ हो रही है.
"13 तारीख को रामवती देवी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में लाया गया था. जहां आईसीयू वार्ड खाली नहीं होने के कारण उसे जनरल वार्ड में भर्ती किया गया था. फिर बेड खाली होते ही उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया. वर्तमान में महिला की तबीयत सामान्य हो रही है. ये एक चमत्कार है. हालांकि हो सकता है कि रास्ते में जर्क की वजह से नेचुरल सीपीआर हुआ होगा, जिससे महिला में जान लौट आई है."- डॉक्टर कृष्ण कुमार, चिकित्सक
बुजुर्ग के परिजन ने क्या कहा?: वहीं इसपर बुजुर्ग महिला के पोते गोपाल साव ने पूरी घटना बताई. उसने बताया कि 'सभी लोग दादी को लेकर छत्तीसगढ़ से आरहे थे. छतीसगढ़ में ही दादी की सांसे रुक गई थी, जिसके बाद अंतिम संस्कार के लिए बेगूसराय ला रहे थे. लेकिन बिहार पहुंचते ही दादी की सांस चलने लगी, जिसके बाद तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. ये भगवान का चमत्कार है. डॉक्टर को भी इसके लिए धन्यवाद देते हैं. बस दादी ठीक हो जाए.'