कर्नाटक में दो भाजपा विधायकों समेत पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है और पूछा है कि क्या जय श्री राम का नारा लगाना अलोकतांत्रिक है?
वहीं कांग्रेस ने भी भाजपा पर पलटवार किया है और आरोप लगाया है कि भाजपा नेता राज्य में सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं।
भाजपा ने सरकार पर लगाए आरोप
कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि 'क्या जय श्री राम के नारे लगाना लोकतंत्र विरोधी है? सिद्धारमैया के नेतृत्व में भगवान राम का नाम सुनते ही वे (कांग्रेस) परेशान हो जाते हैं...वे आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीद छोड़ चुके हैं और यही वजह है कि वे जल्दबाजी दिखा रहे हैं और भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रहे हैं।'
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने इस पूरे विवाद पर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 'यह हर दिन का किस्सा हो गया है। भाजपा नेता सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जहां लोग शांतिपूर्ण तरीके से न रह पाएं...लेकिन कांग्रेस सरकार हर उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जो समाज में परेशानी खड़ी करने की कोशिश करेगा।'
क्या है मामला
मंगलुरू के सेंट गेरोसा इंग्लिश हायर प्राइमरी स्कूल में भाजपा विधायकों वेदव्यास कामथ और वाई भरत शेट्टी पर छात्रों को जबरन जय श्री राम का नारा लगवाने का आरोप है।
स्कूल मैनेजमेंट ने बताया कि कामथ ने स्कूल के सामने एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया और इसके लिए उनसे इजाजत भी नहीं ली गई। स्कूल प्रशासन का आरोप है कि इस दौरान छात्रों से जबरन जय श्री राम के नारे लगवाए गए। शिकायत पर पुलिस ने दोनों भाजपा विधायकों और दो पार्षदों संदीप गरोडी और भरत कुमार और बजरंग दल के नेता शरण पंपवेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस ने हिंदुओं और ईसाई समुदाय के बीच वैमनस्यता फैलाने के आरोप में भाजपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।