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आज़मगढ़ के मंदुरी एयरपोर्ट से दो मार्च को शुरू हो सकती विमान सेवा

 संवाद 

आजमगढ़ के मंदुरी एयरपोर्ट से दो मार्च से उड़ान की उम्मीद है। इसके लिए प्रशासनिक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शामिल रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम ‘उड़ान’ के तहत विकसित मंदुरी एयरपोर्ट से विमान सेवा शुरू करने की कवायद शासन स्तर से तेज हो गई है। संभावना है कि पहले चरण में दो मार्च को अलीगढ़ से आजमगढ़ के लिए विमान उड़ान भरेगा। उधर, शासन से भी दो मार्च तक मंदुरी एयरपोर्ट को पूर्ण रूप से तैयार करने के लिए निर्देश मिला है।
सपा सरकार ने 2005 में मंदुरी हवाई पट्टी का प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद इसका निर्माण हुआ था। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने रीजनल कनेक्टिविटी योजना में इसे शामिल किया। अगस्त 2018 में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ ही मंदुरी हवाई अड्डे का शिलान्यास किया। वर्ष 2019-20 में ही इसका निर्माण पूरा होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते रनवे विस्तारीकरण आदि कार्य समय से पूरा नहीं हो पाया। 20 करोड़ से अधिक लागत से बनने वाले एयरपोर्ट का निर्माण पूरा हो गया है।

पूरा हो गया है निर्माण कार्य

मंदुरी एयरपोर्ट में टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टॉवर, फायर स्टेशन, बूंब कूलिंग सिस्टम, फायर पिट, बेसिक स्ट्रिप, टैक्सी वे, बाउंड्री वॉल, क्रैश गेट, वॉच टावर, ओएचटी, बोरिंग, मेन गेट का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। वहीं, मंदुरी एयरपोर्ट को डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से लाइसेंस 16 दिसंबर, 2022 को मिल गया था। इसकी पुष्टि डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के कार्यवाहक मुकेश कुमार यादव ने की थी। सारी तैयारियां पूरी हो जाने के बाद भी अभी तक जिले का एयरपोर्ट नहीं शुरू हो सका था। ऐसे में जिले की जनता एयरपोर्ट के उद्घाटन की बाट जोह रही थी। उधर, तैयारियों को देख उम्मीद जताई जा रही कि इस बार उड़ान का सपना जरूर पूरा होगा।

विस्तारीकरण के पेंच में फंसा मंदुरी एयरपोर्ट

प्रदेश के रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आरसीएस) के तहत आजमगढ़ के मंदुरी में हवाई पट्टी का विस्तार कर एयरपोर्ट बनाया गया है। इसके बाद वर्ष 2022 में इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रुप में विकसित करने के लिए योजना बनाई गई। इसे लेकर किसानों की भूमि अधिग्रहण के लिए सर्वे का कार्य कराया गया, लेकिन किसानों के विरोध के चलते यह प्रक्रिया पूरी तरह से ठप हो गई। इसके विस्तारीकरण के विरोध में आज भी किसान आंदोलित हैं। उड़ान में देरी होने की मुख्य वजह इसे ही बताया जा रहा है।

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