विधानसभा (Bihar Assembly) के प्रश्नोत्तर काल के क्रम में बुधवार को लैरिया से बीजेपी विधायक विनय बिहारी (Vinay Bihari) ने शायराना अंदाज में प्रश्न पूछा. उन्होंने बोला कि सरकार का जवाब आया है विस्तृत आसमान की तरह लेकिन मेरा सवाल है छोटी सी नन्ही सी जान की तरह' मेरा प्रश्न है कि बिहार में कोई मरता है तो उसे 4 लाख और बिहार के बाहर कोई मरता है तो उसे 2 लाख, अब मौत की कीमत भी दो और चार हो गई है. मैं चाहता हूं कि बिहार का कोई अगर कामगार दूसरे राज्यों में असामयिक मरता है तो उसके परिवार वालों को 4 लाख की मदद दी जाए.आगे विनय बिहारी ने बोला कि अधिकांश कामगार अशिक्षित होते हैं कई लोगों का श्रम कार्ड बना हुआ है कई ऐसे हैं जो बिहार में हैं या बिहार के बाहर रह रहे हैं उनके पास श्रम कार्ड नहीं है. मैं बोलना चाहता हूं कि श्रमिक बिहार में या बिहार के बाहर असामयिक मरे तो उनके परिवार वालों को चार लाख की मदद दी जाए. इस पर श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बोला कि मैं इससे पहले भी श्रम संसाधन मंत्री था पहले इस विभाग में एक लाख ही मिलते थे.
मैंने ही इसे बढ़ाकर 2 लाख करवाया था.
चार लाख आपदा से मिलते हैं इसलिए पहले से बढ़ा हुआ है.
इस पर विनय बिहारी ने फिर विनती करते हुए बोला कि महोदय यह हमारी सरकार है और हम अपनी सरकार से अपेक्षा करते हैं पहले कुछ नहीं मिलता था फिर एक लाख मिला फिर 2 लाख हुआ, लेकिन श्रमिकों की जो मजबूरी है उसको देखते हुए चार लाख कर दिया जाए. क्योंकि जब मजदूर मरते हैं तो उसकी विधवा पत्नी को देखने वाला कोई नहीं होता है. 14 दिन तक लोग आंसू बहाते हैं उसके बाद उन्होंने शायरी के अंदाज में बोला 'खा लिया भत्ता, उड़ा दिया पत्ता, चल दिया कलकत्ता' उसके उसके बाद विधवा को ही जीवन भर झेलना पड़ता है इसलिए कृपया कर उनके मुआवजा को 4 लाख कर दिया जाए.