जो लोग नीतीश कुमार के बाद जनता दल यूनाइटेड के खात्मे की बात कह रहे थे, वे शायद मुगालते में थे. ऐसे लोगों को लगता था कि नीतीश कुमार ने पार्टी में नेक्स्ट जेनरेशन वाली लीडरशिप डेवलप नहीं की या डेवलप हो नहीं पाई. इस तरह के लोग जनता दल यूनाइटेड का हाल आल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम यानी एआईएडीएमके और बहुजन समाज पार्टी जैसी होने का हवाला दे रहे थे. इसके पीछे इनके अपने तर्क होते थे. इन पार्टियों में भी नेक्स्ट जेनरेशन की लीडरशिप डेवलप नहीं हो पाई या फिर जयललिता और मायावती ने डेवलप किया ही नहीं. इसलिए आज एआईएडीएम और बहुजन समाज पार्टी का बुरा हाल है. पर अब जनता दल यूनाइटेड के साथ ऐसा नहीं होगा, क्योंकि पार्टी के सर्वेसर्वा नीतीश कुमार ने अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है. नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी कोई और नहीं, बल्कि उनके सबसे विश्वासपात्र रणनीतिकार संजय झा हो सकते हैं. संजय झा को हाल ही में जनता दल यूनाइटेड की ओर से राज्यसभा के लिए नामित किया गया है.