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बिहार में 15 सीटों पर AIMIM ठोकेगी ताल, महागठबंधन की बढ़ेंगी परेशानियां


संवाद 


असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लेमीन (AIMIM) बिहार में 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने गुरुवार को इसकी औपचारिक ऐलान किया. उन्होंने बोला कि हमारी पार्टी पहले 11 सीटों पर चुनाव लड़ने कि घोषणा की थी, लेकिन जनता की आग्रह पर पांच सीटों को और हम लोगों ने बढ़ाया है. इसमें पाटलिपुत्र, काराकाट भी शामिल है. कुल मिलाकर अभी तक हमने 15 सीटों पर चुनाव लड़ने की ऐलान किया है. अख्तरुल ईमान ने बोला कि एक और मधुबनी सीट पर भी हमारी पार्टी विचार कर रही है. वहां के लोगों ने आग्रह किया है इसलिए मधुबनी सीट पर भी चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन उसके लिए अभी क्लियर नहीं किया गया है. पार्टी के ऐलान में काराकाट, गोपालगंज शिवहर, दरभंगा, वाल्मीकि नगर ये नए सीट हैं जहां से पार्टी चुनाव लड़ेगी.बिहार के 40 सीटों में 15 सीटों पर अभी तक एआईएमआईएम ने उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है. इनमें किशनगंज, काराकाट, दरभंगा, पाटलिपुत्र, शिवहर, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, वाल्मीकि नगर और सीतामढ़ी लोकसभा सीट है. इनमें कई सीटों पर उम्मीदवार की भी घोषणा हो चुकी है. किशनगंज सीट से खुद प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान चुनावी मैदान में उतरेंगे. उन्होंने बोला कि अभी और भी सीटों पर प्रत्याशी उतारने का विचार पार्टी कर सकती हैं, लेकिन अभी तक 15 सीटों पर ही आलाकमान की मुहर लगी है. सभी सीटों पर मजबूती से हमारी पार्टी के प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे और जीत भी हासिल करेंगे.उन्होंने बताया कि यह कोई नहीं कर सकता है कि हमारी पार्टी सिर्फ मुस्लिम को ही आगे करती है हमने जो प्रत्याशी उतारे हैं 

उसमें 50% हिंदू परिवार से आने वाले प्रत्याशी हैं.

एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष ने बोला कि जिस तरह 'इंडिया' गठबंधन का एक ही लक्ष्य है कि बीजेपी को सत्ता में नहीं आने देना है वही लक्ष्य हमारा भी है. हमारी पार्टी हर मुमकिन प्रयत्न करती है कि बीजेपी को सत्ता में आने से रोकना है, लेकिन जो लोग अल्पसंख्यक को साथ लेकर चलने की बात करते हैं वह लोग हमें दरकिनार करके चलते हैं. हमने कई बार मिन्नते की है कि हमें 'इंडिया' गठबंधन का पार्टनर बनाओ. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भी कई बार 'इंडिया' गठबंधन में सम्मिलित होने के लिए बात की. हम भी वोटो का बिखराव नहीं चाहते हैं, लेकिन हमें सम्मिलित नहीं किया गया है इस वजह से हमें अकेले चुनाव लड़ना पड़ रहा है. हमारी पार्टी के चार विधायक को तोड़कर अपने में सम्मिलित कर दिए उस पर भी हम नाराज नहीं हैं, लेकिन अभी समय कुछ और था, लेकिन ये लोग सिर्फ मुस्लिम के नाम पर वोट लेना जानते हैं उन्हें इज्जत और सम्मान नहीं देना चाहते हैं.

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