चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने परिवारवाद की सियासत पर एक बार फिर ताना कसा है. आरजेडी के साथ बीजेपी पर भी उन्होंने निशाना साधा. पिछले 30 वर्ष का इतिहास दिलाया. प्रशांत किशोर ने बुधवार (27 मार्च) को जारी किए गए अपने बयान में लालू यादव की दो बेटियों के चुनाव लड़ने पर आक्रमण बोला.जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बोला कि परिवारवाद देश और बिहार में कोढ़ के तौर पर लोकतंत्र को खोखला कर रहा है. परिवारवाद आज की परेशानी नहीं है अगर समाज को याद होगा तो 1975 में जय प्रकाश नारायण का जो आंदोलन था उसमें परिवारवाद सबसे बड़ा मुद्दा था. आज इससे कोई पार्टी अछूती नहीं है.प्रशांत किशोर ने बोला कि ऐसा नहीं है कि ये आरजेडी में हो रहा है या कांग्रेस में हो रहा है.
आप भारतीय जनता पार्टी को देख लीजिए.
अभी सम्राट चौधरी बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं. इनके पिता कांग्रेस में विधायक और मंत्री थे. उसके बाद लालू यादव का दौर आया तो उसमें विधायक और मंत्री बने. नीतीश कुमार का दौर आया तो उसमें विधायक और मंत्री बने. जीतन राम मांझी का दौर आया तो उसमें विधायक-मंत्री बने. आज बीजेपी को अपना नेतृत्व बनाना है तो उसी परिवार के कड़ी से बैठा कर किसी को उन्होंने बनाया है.पीके ने बोला, "बिहार में पिछले 30 वर्ष में जितने लोग यहां सांसद-विधायक बने हैं, चाहें जिस दल से बने हों सबकी सूची अगर आप बनाइएगा तो आपको पता चलेगा कि 1250 परिवार के लोग ही एमपी-एमएलए बने हैं. परिवारवाद का ये प्रभाव है आप पार्टियों से इसे मत देखिए जो जिस पार्टी का दौर होता है उसी परिवार के लोग उसमें घुस जाते हैं."