बिहार में एनडीए (NDA) सरकार के गठन के बाद पूर्व सीएम और 'हम' पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) अपनी पार्टी से 2 मंत्री बनाने और बेटे संतोष सुमन (Santosh Suman) को बड़े विभाग देने का निरंतर दबाव करते रहे थे. मंत्रालय बंटवारे में जीतन राम मांझी के दबाव का प्रभाव दिखा है. शुक्रवार को एनडीए सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. इसमें संतोष सुमन (Santosh Suman) को ना सिर्फ विभाग बदला गया बल्कि तीन तीन विभाग के मंत्री उन्हें बना दिया गया है. एनडीए के इस निर्णय से जीतन राम मांझी की जीत बताई जा रही है.28 जनवरी को बिहार में एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण हुआ था इसमें जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी. उस समय उन्हें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बनाया गया था, जिसके बाद जीतन राम मांझी निरंतर जिक्रबाजी कर रहे थे. उन्होंने मीडिया के समक्ष खुलकर बोला था कि क्या हम रोड नहीं बना सकते हैं?
पुल पुलिया नहीं बना सकते हैं?
गांव का विकास नहीं कर सकते हैं? सिर्फ हमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग क्यों दिया जाता हैं?यह विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट में यह जिक्र होने लगी थी कि जीतन राम मांझी क्या महागठबंधन में सम्मिलित हो जाएंगे? हालांकि मांझी एनडीए के साथ रहे, लेकिन अपनी मांग वह निरंतर करते रहे. अब मांझी के बेटे संतोष सुमन को 3 विभाग दिया गया है.मंत्रिमंडल विस्तार के बाद संतोष सुमन को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग को बदलकर उन्हें तीन विभाग दिया गया है. जिन तीन विभाग का मंत्री बनाया गया है जिसमें खबर प्रौद्योगिकी विभाग, लघु जल संसाधन विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग का मंत्री बनाया गया है. अब संतोष सुमन इन तीनों विभाग को संभालेंगे. वहीं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का कार्यभार विधान परिषद के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और विधान पार्षद हरी साहनी संभालेंगे.