इसमें समस्तीपुर, नवादा और अपने लिए खुद हाजीपुर की सीट मांगी है.
लालू प्रसाद यादव ने समस्तीपुर और नवादा सीट को उसी समय खारिज कर दिया जबकि उनके लिए हाजीपुर सीट के लिए भी पूरी प्रकार से हरी झंडी नहीं दी है. लालू प्रसाद ने बोला है कि इस पर फैसला लिया जाएगा. अब पशुपति पारस यह समझ चुके हैं कि महागठबंधन उन्हें तरजीह नहीं दे रहा है. हाजीपुर सीट को लेकर भी महागठबंधन में संशय की स्थिति बनी हुई है.पशुपति पारस क्या करेंगे, महागठबंधन में उनकी एंट्री होगी या नहीं होगी यह बोलना मुश्किल दिख रहा है. स्व. रामचंद्र प्रसाद पासवान के बेटे और सांसद प्रिंस राज का भी चाचा पशुपति पारस के प्रति विचार मिलता नहीं दिख रहा है. एक नेता ने बताया कि प्रिंस राज अपने नेताओं से यह बोल रहे हैं कि पशुपति पारस को समझाया जाए. बीजेपी से नाता तोड़ना अच्छा नहीं है. बता दें कि एनडीए की तरफ से प्रिंस राज को बिहार में एमएलसी और मंत्री पद देने का ऑफर मिला था जबकि पारस को किसी राज्य का राज्यपाल बनने का ऑफर मिला था. सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार प्रिंस राज इस पर तैयार हैं और बीजेपी के नेताओं के टच में भी हैं.