बता दें कि सुभाष यादव की ख्याति बालू माफिया से है. पटना जिले के अधिकांश थानों में अवैध लाल बालू से जुड़े मामले में सुभाष यादव पर एफआईआर दर्ज है.
2018 में आयकर विभाग की टीम ने सुभाष यादव के कई जगहों पर छापेमारी की थी.
इसके बाद 2019 में लालू प्रसाद यादव ने चतरा लोकसभा से सुभाष यादव को आरजेडी के टिकट से प्रत्याशी बनाया था. हालांकि सुभाष यादव की हार हुई थी. ईडी ने 2022 में भी सुभाष यादव के कई जगहों पर छापेमारी की थी. वहीं, 2017 में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सुभाष यादव और राबड़ी देवी पर ब्लैकमनी को सफेद करने का इल्जाम लगाया था और कई तथ्य भी दिए थे, जिसमें सुभाष यादव द्वारा राबड़ी देवी को कौड़ी के भाव में जमीन देने का भी इल्जाम लगाया था.गौरतलब है कि इससे पहले आरजेडी के कई नेताओं के जगहों पर छापेमारी हो चुकी है. कल शुक्रवार को आरजेडी के विधान पार्षद विनोद जायसवाल के कदमकुआं स्थित आवास पर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की थी. विनोद जायसवाल शराब के धंधे से जुड़े हुए हैं. झारखंड और पश्चिम बंगाल में उनका बड़े पैमाने पर शराब कारोबार चलता है. आयकर विभाग की टीम ने शराब फैक्ट्री की जांच मामले में कल कार्रवाई की थी, जिसमें टैक्स चोरी की बात सामने आई थी. आज लालू के बेहद करीबी माने जाने वाले बालू माफिया सुभाष यादव के जगहों पर छापेमारी चल रही है.