एनडीए में बिहार की सीटों को लेकर बंटवारा तो हो गया है, लेकिन चाचा पशुपति और भतीजे चिराग के बीच अभी मामला सुलझा नहीं है. वहीं, आज (24 मार्च) चिराग पासवान पटना आए. पटना एयरपोर्ट पर उनसे पूछा गया कि क्या चाचा पशुपति साथ में रहेंगे? इस पर चिराग पासवान ने बोला कि ये गठबंधन के भीतर करने वाली बातें थी. गठबंधन के अंदर उनकी क्या बात हुई है? नहीं हुई है इसकी मुझे खबर नहीं है. उस समय भी परिवार और पार्टी से अलग होने का निर्णय उन्हीं का था. आगे क्या करना है यह निर्णय भी वही करेंगे.चिराग पासवान ने बोला कि मोदी जी का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने गठबंधन का नेतृत्व करते हुए गठबंधन के हर एक साथी को सम्मान देने का कार्य किया है. मैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, हमारे गठबंधन के तमाम साथी उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी सहित तमाम हमारे घटक दलों को धन्यवाद करता हूं, जिस तरीके से गठबंधन में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को सम्मान दिया गया यह सम्मान पार्टी के हर एक कार्यकर्ता के संघर्ष और उनके धैर्य का सम्मान है.
एलजेपी आर के प्रमुख ने आगे बोला कि अपनी पार्टी के हर एक कार्यकर्ताओं का भी धन्यवाद करता हूं.
यह एक सुखद पड़ाव है अभी चुनावी रण में जाना है, लेकिन पूरा विश्वास है कि आगामी चुनाव में 40 की 40 सीट जीतकर हम लोग हमारे प्रधानमंत्री जी की झोली में डालेंगे और जो लक्ष्य हम लोग को मिला है '400 पार' यह लक्ष्य हम लोग पूरा करेंगे.
बता दें कि बिहार एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया है. इसमें चिराग की पार्टी को पांच सीट मिली है, लेकिन पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली है. इसके साथ ही पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच हाजीपुर सीट को लेकर अभी भी तकरार जारी है. इस बीच पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री से त्यागपत्र भी दे दिया है. इसके बाद कई प्रकार के कयास भी लगाए जा रहे हैं.