राजभवन ने एक पत्र लिखकर कुलपतियों को राज्यपाल के दफ्तर से पूर्व अनुमति लिए बिना अपना शहर नहीं छोड़ने को बोला है.
ऐसा प्रतीत होता है कि इस पत्र के वजह से शनिवार को निर्धारित बैठक में बाधा पैदा हो सकती है. राज्यपाल राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु ने बुधवार को सभी कुलपतियों को पत्र लिखकर कहा, 'सक्षम प्राधिकारी (राज्यपाल कार्यालय) से अनुमति लिए बिना अपने विश्वविद्यालयों का मुख्यालय न छोड़ें'.
पत्र में बोला गया है है कि 'आदेशों का उल्लंघन करने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी'. इससे पहले, विभाग के प्राधिकारियों ने उन विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जो फरवरी के आखिरी सप्ताह में हुई विभाग की समीक्षा बैठक में सम्मिलित नहीं हुए थे. शिक्षा विभाग ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा था, जिसमें लंबित परीक्षाओं और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में उनकी अनुपस्थिति के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया है.पत्र में चेतावनी दी गई थी कि अगर दो दिनों के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो विश्वविद्यालय प्राधिकारियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और कुलपतियों का वेतन रोक दिया जाएगा. इस मामले पर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से बात करने का कई बार प्रयत्न किए जाने के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो सका.